Saturday 5 May 2018

एसी में बैठने के कारण बढ़ गया है गठिया का दर्द तो पिएं कच्चे पपीते का ड्रिंक

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पूजा को उनके ज्वाइंट में हमेशा दर्द रहता था। ऐसा ऑफिस में बैठने के कारण था। पूजा एक ऑफिस में पिछले पांच साल से काम करती है। वह ऑफिस में जहां बैठती है वहां एसी की हवा ज्यादा आती है। जिसकी वजह से तीन साल पहले उसे कमर और  ज्वाइंट में दर्द रहना शुरू हुआ। जब उसने जांच कराई तो रिजल्ट में गठिया निकलकर आया। गठिये के दर्द के कारण पूजा से एक जगह में बैठा नहीं जाता था और उसे कमर व ज्वाइंट्स पर काफी दर्द रहता था। रात में कमर व ज्वाइंट्स का दर्द काफी असहनीय हो जाता था। तभी पूजा को उसकी एक महिला कर्मचारी ने कच्चे पपीते का ड्रिंक पीने की सलाह दी। उस ड्रिंक को पीने से पूजा को एक ही हफ्ते में काफी आराम हो गया। 
डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल की आहार विशेषज्ञ डॉ शिखा खन्ना ने बताते हैं कि "कच्चे पपीते का ड्रिंक पुराने से पुराने गठिया के दर्द को दूर कर देता है। जब यूरिक एसिड क्रिस्‍टल के रूप में हमारे हाथ और पैरों के जोड़ों में जम जाता है तो उसे गाउट की बीमारी बोलते हैं। दरअसल पीपते में ऐसे मिनरल्स होते हैं जो हड्डियों की लचक को जितना भी पुराना हो य ड्रिंक पीने से जरूर ठीक हो जाता है।"

गठिया का दर्द

अगर रह-रह कर पैर की उंगलियों, घुटनों और जोड़ों में दर्द होता है तो समझ जाइये कि आपके खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है। जब यूरिक एसिड हाथ-पैरों के जोड़ों में क्रिस्‍टल के रूप में जम जाता है तो उसे गठिया की बीमारी कहते हैं। गठिया का दर्द बहुत ही असहनीय होता है। इसको अनदेखा करने पर उठना बैठना मुश्‍किल तक हो जाता है। 

संकेत और लक्षण

raw papaya drink for arthiriris patient inside
गठिया का दर्द अलग-अलग तरह से होता है। इसमें ज्वाइंट्स में सूजन आ जाती है। इसके सबसे सामान्य लक्षण हैं -
  • हाथ का उपयोग करने में असमर्थता
  • पैरों में दर्द के कारण चलने में समस्या
  • हमेशा थकान रहना
  • बुखार
  • अनिद्रा
  • मांसपेशियों में दर्द और बदन दर्द
  • शरीर में जड़ता

गठिया रोग का कारण

  • गठिया को अर्थराइटिस कहते हैं जो शरीर में एसट्रोजन की कमी के कारण होता है। ये समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। एसी में बहुत अधिक देर तक बैठने के कारण शरीर में एसट्रोजन की कमी हो जाती है। 
  • थइराइड के मरीजों को यह बीमारी अधिक होती है।
  • कई बार शरीर में आयरन और कैल्शियम की अति होने से भी यह समस्या हो जाती है।
  • पोषण की कमी के कारण भी कई बार रिह्यूमेटायड आर्थराइटिस होता है जिससे जोड़ों में दर्द, सूजन गांठों में अकड़न आ जाती है।
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कच्चे पीपते का ड्रिंक बनाने की विधि-

  • सबसे पहले 2 लीटर साफ पानी ले कर उबालें।
  • अब एक मध्‍यम आकार का कच्‍चा पपीता लें और उसे अच्छी तरह से धो लें।
  • फिर पपीते के अंदर से बीज निकाल कर उन्हें फेंक दें। अब पपीते के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
  • अब इन पपीते की टुकड़ों को उबलते पानी में डाल कर 5 मिनट तक उबालें।
  • फिर इस उबले पानी में 2 चम्‍मच ग्रीन टी की पत्‍तियां डालें और थोड़ी देर के लिए उबालें।
  • अब इस पानी को छान लें और ठंडा होने दें।
  • अब इस पानी को दिन भर पीते रहें।
तो इस ड्रिंक को आप हमेशा पीजिए और अपने कमर दर्द व ज्वाइंट्स के दर्द को टाटा बाय-बाय कहिए। 
 
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एस्‍ट्रोनॉट डाइट कर देगी आपको 13 दिनों में स्लिम

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महिलाओं को अपनी खूबसूरती से बहुत प्‍यार होता है और इस लिए वे इस बात का बेहद ख्‍याल रखती हैं कि उनके लुक्‍स में ऐसी कोई कमी न दिखे जो उनको खूबसूरत दिखने के पैमाने पर फेल कर दे। खासतौर पर महिलाएं अपने वजन को लेकर काफी स्ट्रिक्‍ट होती हैं। थोड़ा भी वजन बढ़ जाए तो उनकी डायटिंग शुरू हो जाती है। मगर वजन को बैलेंस करना है तो जरूरी है कि आपकी डाइट सही हो। यदि ऐसा नहीं होता है तो आप चाहें कुछ भी कर लें आपका वजन कम नहीं होगा । मगर आप अगर एस्‍ट्रोनॉट्स डाइट अपनाएंगी तो इससे आपका मेटाबॉलिजम तेज हो जाएगा और आपका वजन कम होने लगेगा। आपको शायद यकीन न हो मगर यह डाइट केवल 13 दिन फॉलो करने पर आप स्लिम हो सकती हैं। नहीं नहीं आपको इस‍के लिए स्‍पेस जाने की कोई जरूरत नहीं है। आप बिना स्‍पेस जाए केवल कुछ बातों को ध्‍यान में रख खुद के शरीर को जीरो ग्रैविटी जैसा हल्‍का बना सकती हैं। 
आपको बता दें कि रियल एस्‍ट्रोनॉट्स इस तरह की डाइट नहीं लेते मगर यह डाइट उन महिलाओं के लिए है जिनके अंदर एस्‍ट्रोनॉट की इच्‍छाशक्ति जितनी क्षमता होगी और जो अपने मन को वश में करके कुछ फूड प्रोडक्‍ट्स को अपनी डाइट से बाहर का रास्‍ता दिखा सकेंगी। अगर आपको यह डाइट फॉलो करनी है तो सबसे पहले आपको अपना प्रोटीन इनटेक बढ़ाना होगा और फाइबर व कार्बोहाइड्रेट्स को डाइट से कटऑफ करना होगा। इसके साथ ही आपको अपना कैलोरीज इनटेक भी कम करना होगा। इसके अलावा भी ऐसी कई चीजें जिन्‍हें खाने से पहले आपको सोचना होगा। तो चलिए जानते हैं एस्‍ट्रोनॉट्स डाइट को फॉलो करने के लिए आपको किन बातों का ध्‍यान रखना होगा। 
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न खाएं ये प्रोडक्‍ट्स 

सबसे पहले आपको कुछ प्रोडक्‍ट्स को अपने डइट चार्ट से हमेशा के लिए आउट कर देना होगा। जैसा: 
सोडा और फ्रूट जूस 
एलकोहॉल 
नमक और शक्‍कर 
स्‍टार्च वाली सब्जियां जैसे आलू, चुकंदर और गाजर 
चावल और पास्‍ता 
ब्रेड और पिज्‍ज 
स्‍मोक्‍ड मीट प्रोडक्‍ट्स 
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ज्‍यादा खाएं ये प्रोडक्‍ट्स 

ऐसा नहीं की आपको अपनी डाइट से चीजों को कट ऑफ ही करना है। अगर एस्‍ट्रोनॉट्स डाइट फॉलो करनी है तो कुछ चीजों को अपने आहार में शामिल भी करना होगा। जैसे:बीफ और अंडों की जगह फिश खाएं
मशरूम्‍स 
टमाटर और खीरागोभीब्रौक्‍ली और बींसकद्दू 
सलाद 
पनीर 
टोफू 
वेगन मिल्‍क ( बादाम, चावल, सोया)
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खाने का रुटीन हो सही 

अगर आपको वाकई 13 दिन में पतला होना है तो दिनभर में चार मील जरूर लें। 
ब्रेकफास्‍ट : 2 बॉइल्‍ड और रोस्‍टेड एग्‍स+ एक कप कॉफी दूध और चीनी के बिनालंच: मीडियम साइज का हाल्‍फ चिकन और सलाद ( टमाटर, मश्‍रूम्‍स, एक ग्‍लास सोया मिल्‍क और ब्‍लैक कॉफी)
स्‍नैक्‍स: एक कप आरेंज या फिर ग्रीन टी 
डिनर: एक ग्‍लास बादाम का दूध, फिश और 150 ग्राम टोफू
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इसे दें महत्‍व 

अपनी बॉडी को हमेशा हाइड्रेटेड रखें। इसके लिए बहुत जरूरी है की आप एक दिन में कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पीएं। अगर आपको प्‍यास नहीं लगती तो कोशिश करें ज्‍यादा से ज्‍यादा चलें। जब शीरर थकता है तो प्‍यास लगती है। आप जितना पानी पीएंगी उतना ही आपके शरीर का मेटाबॉलिजम तेज होगा। 
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कार्बोहाइड्रेट्स को कहें न 

अगर आपको खाना पचाने में दिक्‍कत होती है तो आपको अपनी लाइफस्‍टाइल में कुछ बदलाव जरूर करने चाहिए। यह बदलावा आप अपनी डाइट बदल कर भी कर सकती हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपनी डाइट से कार्बोहाइड्रेट्स को एकदम कम कर दें। जैसे शुगर, पास्‍ता, व्‍हाइट ब्रेड, फ्रूट जूस, एलकोहॉल को अपनी डाइट से बिलकुल ही हटा दें क्‍योंकि यह सभी फूड आइटम्‍स आपके पेट में गैस बनाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि इन का सेवन बिलकुल भी न करें। http://www.narayantransport.com/packers-movers-sec-81-noida.html
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Friday 4 May 2018

आखिर आपके बाल झड़ने की असली वजह क्‍या है जानिए

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सुंदर और आकर्षक दिखने के लिए अक्‍सर महिलाएं अपना वजन कम करने की कोशिश करती रहती हैं। जी हां वजन घटना आज हर महिला का सबसे बड़ा संकल्‍प बन गया हैं और एक्‍सरसाइज और अच्‍छी डाइट की हेल्‍प से आप इसे आसानी से कर सकती हैं। लेकिन वेट लॉस के लिए महिलाएं डाइटिंग करने लगती हैं जिससे बॉडी में पोषक तत्‍वों की कमी होने लगती है और बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। इसके अलावा बालों में ड्राईनेस भी आने लगती है। आइए जानें कि वजन कम करने के कारण क्‍यों गिरने लगते हैं आपके बाल। 

वजन कम करने के लिए अक्सर लोग डाइटिंग करना शुरू कर देते हैं, जिसके कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। डाइटिंग  करने का सीधा मतलब है अपने आहार में पोषक तत्वों की कमी होना जिसके कारण बाल गिरने लगते हैं और साथ ही बालों से जुड़ी और भी कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। आहार में आयरन और प्रोटीन की कमी के कारण भी बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।

डाइटिंग से झड़ने लगते हैं बाल

वजन कम करने के लिए लोग डाइटिंग करना शुरू कर देते हैं और जब वजन कम होता है तो शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं। यह एक कारण होता है जिसकी वजह से बाल जड़ से कमजोर हो जाते हैं और गिरने शुरू हो जाते हैं और इसके अलावा दोमुंहें बालों की समस्या भी हो जाती है। पर्याप्‍त प्रोटीन, आयरन और अन्‍य डाइटरी फाइबर सप्‍लीमेंट की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है। ऐसे पोषक तत्‍वों की कमी बालों को प्‍यास बढ़ाती है और वह भरपूर पोषण से वंचित होते है जिससे बाल झड़ने लगते है। हम आपके बालों को नुकसान पहुंचाए बिना वजन कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दे रहे हैं।
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प्रोटीन का सेवन

रेड मीट, मछली और सेम बींस पर्याप्त प्रोटीन का सेवन बहुत अच्‍छी होती है। प्रोटीन बाल फॉलिकल्स और एक हेल्‍दी डाइट के रूप में हेल्‍प करते हैं। इस प्रकार, प्रोटीन के लेने की सलाह दी जाती है। अंडे, पालक, खट्टे फल, नट, गाजर, एवोकाडो और होल ग्रेन को आपकी बॉडी में हेल्‍दी डाइट में योगदान के लिए अपने आहार में शामिल किया जाना चाहिए।

सीमित मात्रा में कैलोरी

हमेशा भरपूर कैलोरी की खपत सुनिश्चित करें, जो हमारे बॉडी के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। वजन घटाने के लिए कैलोरी को सीमित करना आवश्यक है, लेकिन कैलोरी ज्‍यादा कम करने से पोषण की कमी होने से बालों के विकास के लिए पूरे सप्‍लीमेंट नहीं मिल पाते है।

Telogen Effluvium है जिम्‍मेदार

वेट लॉस के बाद हेयर लॉस आमतौर पर Telogen Effluvium नामक समस्‍या से जुड़ है। बॉडी मास इंडेक्‍स में उतार-चढ़ाव फिजीकल स्‍ट्रेस का कारण बनता है जो बालों के फॉलिकल्स को एक को एक निष्क्रिय चरण में जाने के लिए संकेत देता है। जिसके कारण धीरे-धीरे कम होने लगता है।

विटामिन से भरपूर सप्‍लीमेंट

बालों के विकास के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण सप्‍लीमेंट जैसे विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन और जिंक हैं। इन विटामिनों को वजन घटाने और बालों के विकास में महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं के रूप में देखा गया है।

ब्रिस्क वॉकिंग, योग और हल्‍की एक्‍सरसाइज वजन कम करने में प्रभावी होती हैं क्योंकि प्रभावी परिणामों के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होते हैं।

बॉडी में अचानक गिरावट से बालों का झड़ना स्थायी नहीं है। स्वस्थ बालों के विकास को फिर से शुरू करने के कई तरीके हैं। महिलाएं वजन कम करने के दौरान अक्सर अपने कैलोरी खपत को प्रतिबंधित करती हैं। मानव शरीर के उचित कामकाज के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे शरीर को आदर्श संचालन के लिए आवश्यक पोषक तत्व होने चाहिए। इष्टतम कैलोरी सेवन की कमी, शरीर प्रणाली में कमियों की ओर ले जाती है। जैसे हमारे शरीर को भोजन की जरूरत होती है, वैसे ही हमारे बालों को भी अपने स्वस्थ विकास के लिए पोषक तत्वों का सेवन करने की आवश्यकता होती है।

बालों के झड़ने अब परेशानी नहीं है। हालांकि हमारे शरीर के अचानक बदलाव का सामना करना मुश्किल होता है और उन्हें अनुकूलित करने में समय लगता है। लेकिन सही डाइट और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल हमेशा प्रभावी होते है।
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क्‍या इन अंधविश्‍वासों पर आपको भी है भरोसा?

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राहुल ने ऑफिस जाने के लिए बाइक उठाई ही थी कि उसकी वाइफ श्‍वेता को छींक आ गई। उसने राहुल को 2 मिनट के लिए रोका और फिर ऑफिस के लिए अलविदा कह दिया। दरअसल श्‍वेता का मानना है कि जब कोई कहीं जा रहा हो और किसी को छींक आ जाए तो जिस काम के लिए व्‍यक्ति जा रहा होता है वह या तो सफल नहीं होता या फिर व्‍यक्ति के साथ कुछ हादसा हो जाता है। 
वैसे कितनी अजीब बात है की एक छींक से कोई आसफल या हादसे का शिकार हो जाएं। छींक आना तो एक शारीरिक प्रक्रिया है। मगर भारत में अंधविशवास है कि छींक आए तो कुछ देर के लिए वहीं रुक जाना चाहिए। वैसे यह अकेला अंधविशवास नहीं है। भारत में धर्म और पुराणों में ऐसी कई बातें लिखी हैं जिनका गलत अर्थ निकाल कर लोगों ने इसे अंधविश्‍वास में बदल दिया है। इन्‍हें सुन कर आपको हैरानी भी होगी और हंसी भी आएगी। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही मजेदार अंधविश्‍वासों के बारे में बताते हैं। 
bharat me andhvishvas ()

जब बिल्‍ली काट जाए रास्‍ता 

रास्‍ते पर चलते वक्‍त आपको कई जानवर मिलते होंगे। कई बार यह जानवर आपके रास्‍ते में भी आ जाते होंगे। अमूमन आप इन जानवरों को हटा कर आगे बढ़ जाती होंगी मगर जब बिल्‍ली आपका रास्‍ता काट जाती है तब आप क्‍या करती हैं। कुछ देर के लिए वहीं रुक जाती होंगी या फिर एक बार मन ही मन उस बिल्‍ली को कोसती होंगी या फिर डर कर आगे बढ़ जाती होंगी। दरअसल ऐसा लगभग भारत में रहने वाली आधी से ज्‍यादा जनता करती है। क्‍योंकि यहां अंधविश्‍वास है कि बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर काम बिगड़ जाता है। खासतौर पर बिल्‍ली काली है तब तो लोगों में और भी ज्‍यादा डर बैठ जाता है। दरअसल इसके पीछे एक कहानी है। कहानी यह है कि बिल्‍ली को राहु गृह की सवारी माना जाता है जो हिंदुओ के लिए एक अशुभ गृह है। मगर वास्‍तव में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। 
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घर के दरवाजे पर नीबू मिर्च टांगना 

भारत के लगभग हर घर और दुकान में यहां तक की बड़े बड़े शोरूम्‍स में आपको नीबू और मिर्च की एक माला टंगी दिख जाएगी। लोगों को मानना है कि यह माला घर और दुकान या जिस जगह पर भी वो माला टंगी है उसको बुरी नजर से बचाता है। माना जाता है कि नींबू का खट्टा और मिर्च का तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता भंग कर देता है। जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता है।  
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एग्‍जाम से पहले दही शक्‍कर खिलाने का रिवाज 

ऐसा आपके साथ भी कई बार हुआ होगा जब आप एग्‍जाम देने जा रही होंगी तो पीछे मम्‍मी ने रोक कर आपको दही शक्‍कर खिलाया होगा। दरअसल भारतीय लोगों को मानना है कि दही शक्‍कर खिलाने से एग्‍जाम अच्‍छा हो जाता है। एग्‍जाम से पहले दही शक्‍कर खिलाने का रिवाज है। हिंदू धर्म में दही को अमृत माना जाता है और कहा जाता है कि दही खाने से दुखी मन खुश हो जाता है खुश हो कर आदमी हर काम अच्‍छा करता है। इसके अलावा सफेद रंग को चंद्रमा का कारक माना जाता है और कोई भी सफेद रंग की चीज खाकर घर से बाहर निकलने पर एकाग्रता बढ़ती है। 
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दिन के हिसाब से खाने का मेन्‍यू तय करना 

भारत में दिन के हिसाब से लोगों के खाने का मेन्‍यू भी तस होता है। यह बात बेहद फनी है मगर सच है। यहां लोग मंगलवार नॉनवेज नहीं खाते क्‍योंकि माना जाता है कि मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का दिन होता है और वो नॉनवेज नहीं खाते थे इस लिए मंगलवार के दिन नॉनवेज से लोग परहेज करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन नॉनवेज खाने से आदमी का दिमाग भ्रष्‍ट हो जाता है। मगर इसमें वैज्ञानिक तथ्‍य देखा जाए तो हफ्ते में एक दिन अपने खाने का मेन्‍यू चेंज करने से टेस्‍ट बड और शरीर को राहत मिलती है। 
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बच्‍चों को काला टीका लगाना 

आपने देखा होगा कि छोटे बच्‍चों को उनकी मां सिर के कोने पर या फिर कान के पीछे काला टीका लगा देती हैं। कहा जाता है कि इससे बच्‍चों को नजर नहीं लगती।  इसके पीछे मान्‍यता है कि बच्‍चे विष्णु जी के बाल स्वरूप और लड्डू गोपाल होते हैं। ज्‍योतिषाचार्य सुजीत महाराज कहते हैं कि बच्‍चों का भोला रूप देखकर सभी उनकी तारीफ करते हैं और उनके भोलेपन को निहारते हैं। ऐसे में कई बार लोगों की नकारात्‍मक ऊर्जा से बच्‍चों के सेहत पर असर पड़ता है। वहीं काले रंग काला रंग इस नकारात्‍मकता से बचाता है। जब माताएं काला रंग बच्चे को लगाती हैं तो वही नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
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शगुन में एक रुपया देना 

भारत में रिश्‍तेदारों के बीच रुपयों का लेनदेन बहुत चलता है। यहां लोग रुपया देकर लोगों को सम्‍मान देते हैं। ऐसे में जितने भी रुपय दिए जाते हैं उसमें एक का सिक्‍का भी साथ में दिया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि एक रुपय देने से वह राशि शगुन की चीज हो जाती है। अगर एक रुपए के बिना कोई राशि दी जाती है तो उसे शगुन नहीं आर्थिक मदद करना कहते हैं।

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अगर चाहती हैं कि ऑफिस में अच्छा काम करना तो ना करें विटामिन डी को नजरअंदाज


शहरीकरण के इस दौर में आजकल हर कोई सक्सेस चाहता है। इस सक्सेस को पाने की चाहत में हर कोई दिन-रात काम करता है। महिलाओं की हालत सबसे बुरी है। जॉब करने के लिए महिलाओं को ऑफिस और घर, दोनों को संभालना पड़ता है। वे ऑफिस में पूरे दिन रहती हैं जिसके कारण उन्हें विटामिन डी नहीं मिल पाता है। वहीं सुबह-सुबह घर के काम करने पड़ते हैं जिसके कारण वे सुबह की भी धूप नहीं ले पाती हैं। ऐसे में शरीर में विटामिन डी की तो कमी होगी ही।  

शरीर बन रहा विटामिन D इंडिपेंडेंट

फाइनेंसियल इंडिपेंडेट बनने के चक्कर में महिलाओं का शरीर विटामिन डी से भी इंडिपेंडेंटते जा रहा है। विटामिन डी इंडिपेंडेंट का मतलब होता है विटामिन डी से मुक्त। ये एक तरह से ऑफिस में काम करने वाले लोगों पर कटाक्ष है जो काम करने और सफलता के पीछे भागने के चक्कर में अपने शरीर को विटामिन डी से दूर करते जा रहे हैं। 

घर पर भी काम करना

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इसके साथ ही ऑफिस में काम करने के बाद महिलाएं घर में भी जाकर काम करती हैं। दिन भर ऑफिस में नौ घंटे तक काम करती हैं फिर शाम को घर जाकर रात में भी काम करती हैं। इस कारण महिलाओं के पास अपने लिए टाइम नहीं होता है। टाइम ना रहने का असर अब महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है। इस कारण विटामिन डी की कमी को महामारी भी घोषित कर दिया गया है। पिछले साल डब्ल्यूएचओ की आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 10 में से 8 लोग विटामिन डी की कमी के शिकार हैं। यह रिपोर्ट बहुत ही चौंकाने वाली थी क्योंकि भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में आता हैै जहां धूप प्रचूर मात्रा में मिलती है और धूप मिलने का मतलब है विटामिन डी का मिलना।  

कमर दर्द और डिप्रेशन की रहती है शिकायत

प्रचूर मात्रा में धूप मिलने के बावजूद महिलाओं में विटामिन डी की कमी है। जबकि विटामिन डी आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है। खासकर तो उन लोगों के लिए जो ऑफिस में काम करते हैं और ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद हैं। इसलिए तो माना जाता है कि अगर ऑफिस में अच्छे से काम करना है तो विटामिन डी की कमी शरीर में नहीं होनी चाहिए। 
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क्योंकि विटामिन डी की कमी से जोड़ों में दर्द और कमर दर्द की शिकायत होती है। इसके अलावा चिड़चिड़ापन और डिप्रेसन भी हो जाता है। ये सब लक्षण ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं में ज्यादा दिखते हैं। 

क्या है विटामिन डी?

विटामिन डी फैट में घुल जाने वाले विटामिन के समूह में आता है। यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाता है। सूरज की रोशनी में शरीर कोलेस्ट्राल से विटामिन डी का निर्माण भी करता है। इसलिये इसे अक्सर सनशाइन विटामिन कहते हैं। विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लेने से बच्चों के साथ-साथ आपको भी अपने दैनिक कार्यों के लिए जरूरी ऊर्जा मिलती है। एक्सपर्टस के अनुसार पर्याप्त धूप के साथ प्रतिदिन 400 आईयू (10 ग्राम ) विटामिन डी लेने से आपकी सेहत बनी रहती है। 
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विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग   

विटामिन डी की कमी से ऐसे रोग होते हैं जिन्हें लोग हल्के में शुरू में लेते हैं और उसके बाद यह बड़ी बीमारी का कारण बनते हैं। इनमें से कुछ बीमारियां हैं जो ऑफिस में काम करने वाले लोगों को अधिक होती हैं-
  • जोड़ों में दर्द
  • कमर दर्द
  • पीठ दर्द
  • डिप्रेशन
  • थकान

फायदों से भरा विटामिन डी

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अगर आपको ऑफिस में बहुत थकावट रहती है तो इसे विटामिन डी का संकेत समझें और रोज सुबह सात बजे से आठ बजे तक धूप में खड़े हों। विटामिन डी अन्य खानों से तो पूरी हो जाएगी लेकिन आपको तुरंत ही विटामिन डी की जरूरत है। और ऐसे में तुरंत पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी केवल धूप से ही मिलेगा। इसलिए आज से ही रोज सुबह धूप में दस से पंद्रह मिनट खड़े रहें। आपको तीन दिन में ही आऱाम मिलेगा। इससे आपके ऑफिस में काम अच्छा होगा और आप हमेशा फ्रेश महसूस करेंगी। 
तो फिर देर किस बात की है। आज से ही सुबह की धूप लेना शुरू कर दें।  
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Wednesday 2 May 2018

इन खूबसूरत तरीकों से जताएं कि आपका हमसफर है दुनिया में सबसे स्पेशल

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प्यार दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास है। आपकी चाह होती है कि आपका प्यार ताउम्र जवां रहे। कुछ महिलाओं को अपने लाइफ पार्टनर्स बहुत पहले मिल जाते हैं तो कुछ को जरा देर से। आपने अपने सपनों के राजकुमार के बारे में जैसा सोचा था, वैसा हकीकत में पाना मुश्किल होता है लेकिन ज्यादातर महिलाएं जिंदगी के किसी न किसी मोड़ पर अपने हमसफर को चुन ही लेती हैं। प्यार की शुरुआत चाहे जैसी भी हो, आगे की राह में चुनौतियां आती ही हैं। हर लव स्टोरी में एक वक्त के बाद रफ पैचेस आते हैं। आप अपने साथी के साथ आप कितना एडजस्ट करती हैं और किस तरह अपना अट्रैक्शन बनाए रखती हैं यह आपकी रिलेशनशिप को कामयाब बनाने में बहुत मायने रखता है। इस खूबसूरत सफर में आप कुछ छोटे-छोटे कदम उठाकर अपने रिश्ते को बहुत स्ट्रॉन्ग बना सकती हैं-

गुड मॉर्निंग मैसेज

सुबह-सुबह अगर आप अपने साथी को एक खूबसूरत सा मैसेज भेजें, जिसे देखकर उसका दिल खुश हो जाए या जिसे पढ़ने के बाद वह बहुत इंस्पायर्ड फील करे तो उनका पूरा दिन अच्छा बीतेगा। इसका असर आपके रिश्ते पर भी काफी पॉजिटिव होता है। इसी तरह अगर आप सोने से पहले उन्हें एक स्पेशल मैसेज करें तो भी उन्हें बहुत अच्छा लगेगा।
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जाहिर करें अपने जज्बात

आप अपने रिश्ते को लेकर जो कुछ भी सोचती हैं, उसे अपने साथी से जरूर एक्सप्रेस करें। चाहें आपके साथी की वो छोटी-छोटी चीजें, जो आपके लिए बहुत मायने रखती हों या फिर अपनी कमजोरियां, जिन्हें आप शिद्दत से दूर करना चाहती हों, अपनी हर छोटी-बड़ी बात अपने हमसफर के साथ बांटें। इस शेयरिंग से आपका पार्टनर आपको कहीं बेहतर तरीके से समझ पाता है। आपकी ईमानदारी उन्हें बहुत अपील करती है और इससे आपकी रिलेशनशिप लंबे वक्त तक मजबूत बनी रहती है। 
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तारीफ करना भी जरूरी है

हर इंसान में कुछ न कुछ अच्छी बात जरूर होती है और अगर वो इंसान आपका हमसफर है तो जाहिर है उसमें कई सारी खासियतें होंगी। उनकी जो बातें आपको सबसे स्पेशल लगती हैं, उन्हें आपको जरूर जाहिर करना चाहिए। अपने रिश्ते में गर्मजोशी बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि आप दोनों ही एक दूसरे की अच्छी बातों को अप्रीशिएट करें। 
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गिफ्ट्स से दें सरप्राइज

किसी भी रिश्ते में जब आपको इंपॉर्टेंस मिलती है तो आपकी स्पेशल होने का अहसास होता है। इसके लिए गिफ्ट्स एक बेहतरीन जरिया हो सकते हैं। चाहें गिफ्ट्स छोटे हों या बड़े, उनकी अहमियत इस बात से और भी ज्यादा बढ़ जाती है कि उनके साथ आपका प्यार का अहसास जुड़ा होता है। चाहे वो परफ्यूम हो, ड्रेस हो, ब्रेसलेट हो या फिर कोई कीमती उपहार, ये सारे गिफ्ट्स आपके प्यार को परवान चढ़ा देते हैं। इसीलिए आपको जब भी मौका मिले, तो अपने साथी को प्यारे-प्यारे तोहफे देकर सबसे स्पेशल होने का अहसास कराएं।
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Tuesday 1 May 2018

बच्‍चों पर नहीं थोपेंगी अपने सपने तो निखर जाएगा उनका भविष्‍य

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सभी माँ-बाप अपने बच्चे के बेहतर भविष्य की कामना करते है और साथ ही उस सपने को साकार करने का प्रयत्न भी करते है । अक्सर माता-पिता उस सपने को पूरा करने की चाह में यह भूल जाते है की उनके बच्चे का बेहतर भविष्य, उसकी शैछिक योग्यता और उसकी रूचियों दोनों पर निर्भर करता है ।  
बच्चे कच्ची मिटटी की तरह होते है और उन्हें सही अकार देने में सबसे अहम भूमिका माँ-बाप की होती है और उसी तरह उसके भविष्य को भी सही अकार माता-पिता ही देते है ।  हम अपनी अकांक्षाओं के चलते यह भूल जाते है की हर बच्चे का दिमाग एक समान नहीं होता और नही उसकी रुचियाँ एक समान होती है ।  बच्चों की प्रतिभा और रुचियों को पहचानना और उनका सम्‍मान करना बहुत ही आवशयक है अथवा वो परिवार के प्रति उदासीन हो जाते है । हमे इस बात को समझना होगा की हर व्यक्ति की प्रतिभा उसे बाकियों से अलग बनती है ।  अगर सचिन तेंदुलकर क्रिकेट छोड़कर पढाई पर धयान देता तो वो सचिन नहीं होता ठीक उसी प्रकार जरूरी नहीं की आपका बच्चा पढाई में अच्छा हो, उसकी रूचि नाचने अथवा गाने में भी हो सकती है । 
एक जिम्मेदार अभिभावक होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है की ,न सिर्फ, हम उनकी प्रतिभा और रुचियों को पहचाने बल्कि उनका सही मार्गदर्शन भी करें । अगर आप अपने बच्चे को एक बेहतर भविष्य देना चाहते है तो कुछ बातों का ध्यान रखे और उनको अपनी जीवनशैली का अंश बना ले। 
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उनसे उनकी रुचियों के बारे में बात करे

अक्सर ऐसा देखा गया है की बच्चे अपनी रुचियों को खुलकर माँ बाप से व्यक्त करने से हिचकिचाते है ऐसे में आपका उनसे बात करना न की उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा बल्कि आपके रिश्ते को भी और मजबूत करेगा ।  ऐसा करने पर बच्चे आपसे खुलकर अपनी रुचियों के बारे में बात कर सकेंगे बल्कि आपको भी उन्हें और बेहतर जानने का मौका मिलेगा ।  बच्चे बहुत ही नाजुक दिल के होते है इसी लिए यह उनसे बात करते वक्त इस बात का खासतौर पर ध्यान रखे की आप उनकी रुचियों और प्रतिभा का सम्मान करे । 

उनकी और रुचियों को समझे और जानें

ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चो की प्रतिभा को ऊट पटांग शौक समझ कर उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते है, ऐसा ना करे बल्कि उनकी प्रतिभा को समझने के लिए इंटरनेट इत्यादि पर पूरी तरह से जांच ।  बल्कि उनसे भी उनकी सलाह लें और उनके विचारों को जानने का प्रयत्न करे ऐसा करने से आपको उन्हें सही दिशानिर्देशन करने में मदद मिलेगी ।  अगर आपके बच्चे को हिप-हॉप डांस में रूचि है तो उसके बारे में जानने का प्रयत्न करे, ऐसा करने से ही आप उसकी प्रतिभा को सही दिशा दे पाएंगे ।  
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उनको कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करे 

प्रोत्साहन किसी भी व्यक्ति का मनोबल बढ़ने में बहुत मददगार होता है, ठीक उसी प्रकार बच्चों का कोमल ह्रदय भी जरा से प्रोत्साहन से उत्साहित हो जाता है ।  जिस प्रकार हम खेल के दौरान खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए उनका नाम लेते है, ठीक उसी प्रकार हमे अपने बच्चो का मनोबल बढ़ाना है जिससे वो और भी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें ।  

उन्हें उनकी प्रतिभा के प्रति जागरूक करें

किसी भी प्रतिभाशाली व्यक्ति का उसकी योग्यता के प्रति जागरूक होना उतना ही जरूरी है जितना किसी पक्षी के लिए उड़ना ।  बच्चो को उनकी योग्यता के लिए जागरूक करे उन्हें उनके क्षेत्र की उपलब्धियों के बारे में बताय ऐसा करने पर उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एक प्रेरणास्रोत मिल सकेगा ।  उन्हें उनके क्षेत्र के सफल व्यक्तियों का उदाहरण दें और उनके जैसे बनने के लिए प्रेरित करें ।  
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Saturday 24 March 2018

जानिए 7 ऐसे फूड आइटम्स के बारे में, जो आपको देंगे फैटी लीवर में राहत


फैटी लीवर डिजीज लीवर फेल्योर की एक बड़ी वजह है। मोटे तौर पर देखें तो फैटी लीवर दो तरह के होते हैं, एक alcohol-induced और दूसरा nonalcoholic fatty liver disease.Nonalcoholic fatty liver disease आमतौर पर उन महिलाओं में देखने को मिलती है जो मोटापे की शिकार हैं, जिनकी जीवनशैली आराम वाली है या जो बहुत बड़ी मात्रा में प्रोसेस्ड डाइट लेती हैं।

सही डाइट से जल्दी मिलता है फैटी लीवर में आराम

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फैटी लीवर चाहें जिस भी टाइप का हो, उसे सही तरह की डाइट से ठीक किया जा सकता है । जैसा कि इसके नाम से जाहिर है, फैटी लीवर डिजीज होने पर लीवर में बहुत ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाता है। हेल्दी बॉडी में लीवर टॉक्सिन्स दूर करने में मदद करता है और बाइल प्रोड्यूस करता है, जो डाइजेशन में मदद करता है। फैटी लीवर डिजीज होने पर लीवर डैमेज हो जाता है और उसकी कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। आइए जाने ऐसी फूड डाइट जो आपको फैटी लीवर को ठीक करने में मदद करती है-

कॉफी

अध्ययन बताते हैं कि कॉफी पीने वालों को कॉफी ना पीने वालों की तुलना में लीवर के डैमेज होने की समस्या अपेक्षाकृत कम होती है। कॉफी पीने से abnormal liver enzymes के स्तर में कमी आती है, जिससे लीवर डिजीज होने का खतरा कम हो जाता है।

फैट कम करने के लिए खाएं हरी सब्जियां

ब्रोकोली, पालक, अंकुरित अनाज, kale जैसे फूड आइटम्स वजन घटाने में मददगार होने के साथ-साथ फैट बनने में भी कमी लाते हैं। Soy protein जो टोफू जैसे फूड आइटम्स में पाया जाता है, भी फैट बिल्डअप को घटाता है, साथ ही टोफू लो फैट होने के साथ हाई प्रोटीन भी देता है।
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फिश

फैटी फिश जैसे कि salmon, sardines, tuna और trout में omega-3 fatty acids बड़ी मात्रा में होता है।  इससे लीवर फैट के असंतुलन को कम करने और जलन कम करने में मदद मिलती है। 

एनर्जी के लिए ओटमील 

Whole grains से मिलने वाला carbohydrates आपकी बॉडी को एनर्जी देता है। इसमें मिलने वाला फाइबर आपको भरा-भरा होने का अहसास देता है। इससे आपको वजन मेंटेन करने में भी आसानी होती है।

वॉलनट भी है मददगार

वॉलनट्स में omega-3 fatty acids अच्छी मात्रा में होते हैं। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फैटी लीवर डिजीज से प्रभावित लोगों ने जब वॉलनट्स खाए तो उनके लीवर फंक्शन में सुधार दिखाई देने लगा।

अवोकाडो

हेल्दी फैट्स अवोकाडो में अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। अध्ययन बताते हैं कि इनमें ऐसे केमिकल होते हैं, जो लीवर डैमेज होने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। इनमें फाइबर भी अच्छी-खासी मात्रा में होता है, जिससे वजन कंट्रोल करने में आसानी होती है।

ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल में omega-3 fatty acids अच्छी मात्रा में होते हैं। रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि ऑलिव ऑयल के इनटेक से एंजाइम लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।


Vaginal Lips की सर्जरी के खतरों को जानना आपके लिए है जरूरी


आजकल कॉस्मेटिक वुल्वा सर्जरी यानी लेबियाप्लास्टी कराए जाने का प्रचलन जोर पकड़ रहा है, जिसमें वैजाइनल लिप्स को रीशेप किया जाता है या छोटा किया जाता है। यह सर्जरी प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर्स करते हैं। यह सर्जरी आमतौर पर तब कराई जाती है जब वैजाइनल लिप्स सामान्य नहीं होते या जिसके कारण महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याएं हो रही होती हैं। आमतौर पर कॉस्मेटिक सर्जन इस बात की सलाह नहीं देते सिर्फ कॉस्मेटिक रीजन्स की वजह से सर्जरी कराई जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सर्जरी के बाद कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं मसलन महिलाओं को ब्लीडिंग हो सकती है, संक्रमण हो सकता है, कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जेनिटल एरिया में संवेदनशीलता कम हो सकती है। साथ ही आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि इस तरह का ऑपरेशन आपकी नसों में ब्लड क्लॉट विकसित कर सकता है या एनेस्थीसिया दिए जाने पर आपका शरीर नेगेटिव तरीके से रिएक्शन दे सकता है। आइए इस सर्जरी से होने वाले जोखिमों के बारे में डीटेल में जानते हैं-

संक्रमण का खतरा

vagina surgery in
इस तरह की invasive surgery का सबसे commom साइड इफेक्ट होता है इन्फेक्शन। इसके साथ ही बुखार, थकान, प्रभावित हिस्से में लालपन या सूजन दिखाई दे सकती है। यह भी मुमकिन है कि प्रभावित एरिया के टिशुज संवेदनशील हो जाएं, उस हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। इन्फेक्शन आपकी ब्लड स्ट्रीम तक भी पहुंच सकता है, जिससे आपको एक अन्य सर्जरी कराने की जरूरत पड़ सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। 

लेबिया में असहज महसूस होना

कई बार लेबियाप्लास्टी के बाद वेजाइनल लिप्स में दर्द महसूस होता है या अहसज महसूस होता है। यह तब हो सकता है जब लिप्स को ज्यादा ही छोटा कर दिया जाए या इस तरह से सर्जरी हुई हो कि उस हिस्से में दर्द होने लगे। कई बार हीलिंग प्रोसेस में लेबिया के कुछ टिशु भी अलग हो जाते हैं, जिससे आपको कुछ हद तक राहत महसूस हो सकती है। 

टॉयलेट करने में दर्द

लेबियाप्लास्टी के बाद कुछ समय तक टॉयलेट करने में दर्द या परेशानी महसूस हो सकती है। यह वैजाइनल एरिया में senstivity बढ़ जाने की वजह से होता है। लेकिन यह कुछ समय के लिए ही होता है और 6-8 हफ्तों के अंदर यह दर्द ठीक होने की संभावना होती है। लेकिन अगर आपकी स्थिति में सुधार न हो, तो इसे ठीक कराने के लिए भी सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

ट्रेंड डॉक्टर से ही कराएं सर्जरी

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अर्चना धवन बजाज, कंसल्टेंट ऑब्स्टीट्रीशियन, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट, नर्चर आईवीएफ दिल्ली बताती हैं, 'अगर ठीक जगह पर सर्जरी न हो, अगर ऐसा डॉक्टर सर्जरी करे, जो बहुत कॉम्प्लीटेंट न हो या फिर सर्जरी के बाद सावधानियां न बरती जाएं तो सर्जरी कराने का purpose फेल हो सकता है। मेरा सुझाव है कि लेबियाप्लास्टी ही नहीं, कोई भी तरह की सर्जरी अगर जरूरी हो तभी कराएं। यह सुनिश्चित करें कि इस काम के लिए जिस डॉक्टर से सर्जरी करा रही हैं, वह पूरी तरह ट्रेंड हो। सर्जरी के बाद वेजाइना के एरिया की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें, एंटीबायोटिक्स और एंटीइन्फ्लेमेटरी दवाएं समय पर लें ताकि आपको बाद में किसी तरह की समस्या न हो।'

Oily skin से हैं परेशान तो ट्राई करें ये टिप्स
 
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