Saturday 24 March 2018

जानिए 7 ऐसे फूड आइटम्स के बारे में, जो आपको देंगे फैटी लीवर में राहत


फैटी लीवर डिजीज लीवर फेल्योर की एक बड़ी वजह है। मोटे तौर पर देखें तो फैटी लीवर दो तरह के होते हैं, एक alcohol-induced और दूसरा nonalcoholic fatty liver disease.Nonalcoholic fatty liver disease आमतौर पर उन महिलाओं में देखने को मिलती है जो मोटापे की शिकार हैं, जिनकी जीवनशैली आराम वाली है या जो बहुत बड़ी मात्रा में प्रोसेस्ड डाइट लेती हैं।

सही डाइट से जल्दी मिलता है फैटी लीवर में आराम

fatty liver INSIDE
फैटी लीवर चाहें जिस भी टाइप का हो, उसे सही तरह की डाइट से ठीक किया जा सकता है । जैसा कि इसके नाम से जाहिर है, फैटी लीवर डिजीज होने पर लीवर में बहुत ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाता है। हेल्दी बॉडी में लीवर टॉक्सिन्स दूर करने में मदद करता है और बाइल प्रोड्यूस करता है, जो डाइजेशन में मदद करता है। फैटी लीवर डिजीज होने पर लीवर डैमेज हो जाता है और उसकी कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। आइए जाने ऐसी फूड डाइट जो आपको फैटी लीवर को ठीक करने में मदद करती है-

कॉफी

अध्ययन बताते हैं कि कॉफी पीने वालों को कॉफी ना पीने वालों की तुलना में लीवर के डैमेज होने की समस्या अपेक्षाकृत कम होती है। कॉफी पीने से abnormal liver enzymes के स्तर में कमी आती है, जिससे लीवर डिजीज होने का खतरा कम हो जाता है।

फैट कम करने के लिए खाएं हरी सब्जियां

ब्रोकोली, पालक, अंकुरित अनाज, kale जैसे फूड आइटम्स वजन घटाने में मददगार होने के साथ-साथ फैट बनने में भी कमी लाते हैं। Soy protein जो टोफू जैसे फूड आइटम्स में पाया जाता है, भी फैट बिल्डअप को घटाता है, साथ ही टोफू लो फैट होने के साथ हाई प्रोटीन भी देता है।
fatty liver INSIDE

फिश

फैटी फिश जैसे कि salmon, sardines, tuna और trout में omega-3 fatty acids बड़ी मात्रा में होता है।  इससे लीवर फैट के असंतुलन को कम करने और जलन कम करने में मदद मिलती है। 

एनर्जी के लिए ओटमील 

Whole grains से मिलने वाला carbohydrates आपकी बॉडी को एनर्जी देता है। इसमें मिलने वाला फाइबर आपको भरा-भरा होने का अहसास देता है। इससे आपको वजन मेंटेन करने में भी आसानी होती है।

वॉलनट भी है मददगार

वॉलनट्स में omega-3 fatty acids अच्छी मात्रा में होते हैं। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फैटी लीवर डिजीज से प्रभावित लोगों ने जब वॉलनट्स खाए तो उनके लीवर फंक्शन में सुधार दिखाई देने लगा।

अवोकाडो

हेल्दी फैट्स अवोकाडो में अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। अध्ययन बताते हैं कि इनमें ऐसे केमिकल होते हैं, जो लीवर डैमेज होने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। इनमें फाइबर भी अच्छी-खासी मात्रा में होता है, जिससे वजन कंट्रोल करने में आसानी होती है।

ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल में omega-3 fatty acids अच्छी मात्रा में होते हैं। रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि ऑलिव ऑयल के इनटेक से एंजाइम लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।


Vaginal Lips की सर्जरी के खतरों को जानना आपके लिए है जरूरी


आजकल कॉस्मेटिक वुल्वा सर्जरी यानी लेबियाप्लास्टी कराए जाने का प्रचलन जोर पकड़ रहा है, जिसमें वैजाइनल लिप्स को रीशेप किया जाता है या छोटा किया जाता है। यह सर्जरी प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर्स करते हैं। यह सर्जरी आमतौर पर तब कराई जाती है जब वैजाइनल लिप्स सामान्य नहीं होते या जिसके कारण महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याएं हो रही होती हैं। आमतौर पर कॉस्मेटिक सर्जन इस बात की सलाह नहीं देते सिर्फ कॉस्मेटिक रीजन्स की वजह से सर्जरी कराई जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सर्जरी के बाद कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं मसलन महिलाओं को ब्लीडिंग हो सकती है, संक्रमण हो सकता है, कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जेनिटल एरिया में संवेदनशीलता कम हो सकती है। साथ ही आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि इस तरह का ऑपरेशन आपकी नसों में ब्लड क्लॉट विकसित कर सकता है या एनेस्थीसिया दिए जाने पर आपका शरीर नेगेटिव तरीके से रिएक्शन दे सकता है। आइए इस सर्जरी से होने वाले जोखिमों के बारे में डीटेल में जानते हैं-

संक्रमण का खतरा

vagina surgery in
इस तरह की invasive surgery का सबसे commom साइड इफेक्ट होता है इन्फेक्शन। इसके साथ ही बुखार, थकान, प्रभावित हिस्से में लालपन या सूजन दिखाई दे सकती है। यह भी मुमकिन है कि प्रभावित एरिया के टिशुज संवेदनशील हो जाएं, उस हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। इन्फेक्शन आपकी ब्लड स्ट्रीम तक भी पहुंच सकता है, जिससे आपको एक अन्य सर्जरी कराने की जरूरत पड़ सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। 

लेबिया में असहज महसूस होना

कई बार लेबियाप्लास्टी के बाद वेजाइनल लिप्स में दर्द महसूस होता है या अहसज महसूस होता है। यह तब हो सकता है जब लिप्स को ज्यादा ही छोटा कर दिया जाए या इस तरह से सर्जरी हुई हो कि उस हिस्से में दर्द होने लगे। कई बार हीलिंग प्रोसेस में लेबिया के कुछ टिशु भी अलग हो जाते हैं, जिससे आपको कुछ हद तक राहत महसूस हो सकती है। 

टॉयलेट करने में दर्द

लेबियाप्लास्टी के बाद कुछ समय तक टॉयलेट करने में दर्द या परेशानी महसूस हो सकती है। यह वैजाइनल एरिया में senstivity बढ़ जाने की वजह से होता है। लेकिन यह कुछ समय के लिए ही होता है और 6-8 हफ्तों के अंदर यह दर्द ठीक होने की संभावना होती है। लेकिन अगर आपकी स्थिति में सुधार न हो, तो इसे ठीक कराने के लिए भी सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

ट्रेंड डॉक्टर से ही कराएं सर्जरी

vagina surgery in
अर्चना धवन बजाज, कंसल्टेंट ऑब्स्टीट्रीशियन, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट, नर्चर आईवीएफ दिल्ली बताती हैं, 'अगर ठीक जगह पर सर्जरी न हो, अगर ऐसा डॉक्टर सर्जरी करे, जो बहुत कॉम्प्लीटेंट न हो या फिर सर्जरी के बाद सावधानियां न बरती जाएं तो सर्जरी कराने का purpose फेल हो सकता है। मेरा सुझाव है कि लेबियाप्लास्टी ही नहीं, कोई भी तरह की सर्जरी अगर जरूरी हो तभी कराएं। यह सुनिश्चित करें कि इस काम के लिए जिस डॉक्टर से सर्जरी करा रही हैं, वह पूरी तरह ट्रेंड हो। सर्जरी के बाद वेजाइना के एरिया की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें, एंटीबायोटिक्स और एंटीइन्फ्लेमेटरी दवाएं समय पर लें ताकि आपको बाद में किसी तरह की समस्या न हो।'

Oily skin से हैं परेशान तो ट्राई करें ये टिप्स
 
 https://www.herzindagi.com/hindi/health/it-is-important-for-you-to-know-the-risks-of-the-risks-of-labiaplasty-article-23041?

लाइफ में बढ़ गया है stress तो घबराएं नहीं इन मजेदार तरीकों से कोर्टिसोल करें कम

Cortisol एक stress हार्मोन है। जिसे स्‍ट्रेस हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। यह बॉडी को सूचित करता है कि आपको भूख लग रही है। बॉडी में कोर्टिसोल लेवल के बढ़ने से बॉडी में फैट और स्‍ट्रेस बढ़ता है। साथ ही इसका लेवल बढ़ने से हमें कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए इसके लेवल को कम करना बहुत जरूरी है। आइए ऐसे कुछ मजेदार तरीको के बारे में जिनसे इस हार्मोन को कंट्रोल किया जा सकता है। 

कॉफी पीना

बॉडी में इस हार्मोन का लेवल सबसे ज्‍यादा सुबह के समय होता है इसलिए सुबह के समय हमें अधिक भूख लगती है। इसको कम करने का उपाय काफी लोकप्रिय है और हर किसी को पसंद आता है। भोजन के साथ एक कप कॉफी या सुबह-सुबह की कॉफी इस हार्मोन लेवल को कम करने में मदद करेगी जिससे आपको भूख कम लगेगी।

मेडिटेशन करें
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Image Courtesy: Imagebazar.com

हावर्ड के शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि मेडिटेशन से आपका मन शांत होता है। इसके साथ ही ये डायबिटीज, मोटापे और कैंसर जैसी कई सारी बीमारियों से निजात दिलाता है। मेडिटेशन आपको हर प्रकार से सुकून पहुंचाता है।

बॉडी खुद करती है अपनी प्रॉब्‍लम का इलाज

शायद आपको विश्‍वास नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है कि बॉडी अपना इलाज खुद करना जानती है। जी हां चोट, जख्म भरने, इंफेक्‍शन से लड़ने तथा अन्य कई परेशानियों से लड़ने की क्षमता हमारी बॉडी में मौजूद होती है। कई जानकार तो यह भी कहते हैं कि हमारी बॉडी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी लड़ सकती है। बॉडी की यह कुदरती रक्षात्मक क्षमता कोर्टिसोन हॉर्मोन को बढ़ने से रोकता है।

जानवरों का साथ

जानवरों के साथ खेलने से हमारे ब्रेन को सुकून मिलता है। इससे ब्रेन को शांत करने वाले हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं। ये हार्मोन बॉडी के लिए सेल्फ हीलिंग का काम करते हैं। इसलिाए पालतू जानवरों के साथ खेलना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। तो, जब आपका कोर्टिसोल बढ़े और आपको स्‍ट्रेस महसूस करें, तो अपने पालतू जानवर के साथ समय बितायें।

हंसो और खुश रहो

हंसना लाख दुखों की दवा है, यह बात सभी जानते हैं। एक शोध में पाया गया है कि दिन में दस मिनट तक पेट पकड़कर हंसना आपको दो घंटे तक दर्द से निजात दिला सकता है। और जब आप पर हंसी का असर कम होने लगे, तो आप एक बार किसी कॉमेडी फिल्म का सहारा ले सकती हैं।

मसाज
massage wellness

मसाज तनाव व अन्य परेशानियों को दूर करने का सबसे असरदार तरीका माना जाता है। सही मसाज ना केवल आपकी मसल्‍स को राहत पहुंचाती है, बल्कि इसके साथ-साथ नर्वस सिस्टम को भी सही रखने में हेल्‍प करती है। इससे आपकी बॉडी बीमारियों और अन्य परेशानियों के प्रति खुद को ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार कर पाती है।

योग

योग और डांस ना केवल आपकी बॉडी को हेल्‍दी रखते हैं, बल्कि आपके मेंटल हेल्‍थ का भी खयाल रखते हैं। ये आपके हीलिंग हार्मोन को बढ़ाते हैं और साथ ही कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में हेल्‍प करते हैं।

उदार बनें

कहते हैं जब आप मुश्किल में हों, तो सिर्फ अपनी हेल्‍प करने से काम नहीं बनता। कई बार आपको दूसरों की मदद करनी चाहिये। इससे आपको काफी फायदा होता है। जब आप दूसरों के लिए कुछ करते हैं, तो आपको काफी खुशी मिलती है। यूं ही तो नहीं कहा जाता, 'किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार' आखिर इसी का नाम तो जीना है। किसी को कुछ देने या किसी के लिए कुछ करने से ब्रेन को शांत करने वाले हार्मोन स्रावित होते हैं और कोर्टिसोल का लेवल कम हो जाता है।

अकेले न रहें

अकेले रहने वाले महिलाओ को दिल की बीमारी होने का खतरा उन महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होता है, जो अकेले नहीं रहते। जानकार तो यह भी मानते हैं कि अकेलापन आपके लिए स्‍मोकिंग से ज्यादा खतरनाक है। और अगर आपकी लाइफ में किसी का साथ है तो आप ज्‍यादा खुश रहते हैं। अगर आप स्‍मोकिंग करती हैं और आपकी सोशल लाइफ भी जीरो है, तो इससे आपको होने वाले नुकसान कई गुना बढ़ जाते हैं। इसलिए आप अकेले रहने से बचें।

रिलेशनशिप

अपने आप से पूछें कि इस समस्या का समाधान करने के लिए आपको क्या करने की जरूरत होती है। अगर आपके भीतर से आवाज आए कि नौकरी या रिलेशनशिप ही आपकी परेशानी की असल वजह है तो आपको उस पर पर पूरी तवज्‍जो देनी चाहिये। सही मायनों में यही आपकी बीमारी की असल दवा है।
इन मजेदार और आसान टिप्‍स को अपनाकर आप भी अपने स्‍ट्रेस हार्मोन के लेवल को कंट्रोल कर सकती हैं।

चीनी से आप चुटकियों में दूर कर सकती हैं अंडरआर्म्‍स का कालापन


अधिकांश महिलाओं को स्लीवलेस कपडे पहनना पसंद करत हैं, लेकिन कितनी महिलाएं ऐसी हैं जो यह कपडे पहनकर बिना किसी झिझक और शर्मिंदगी के अपने हाथ ऊपर पर सकती हैं? जब अंडरआर्म्‍स में कालापन हो तो इसे ढककर रखना ही सही लगता है। अगर आप भी डार्क अंडरआर्म्‍स से परेशान हैं, तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें और अंडरआर्म्‍स के कालेपन को चुटकियों में दूर करने वाले घरेलू उपायों को जानें, ताकि आप भी बिना किसी झिझक के खुलकर अपने हाथ उठा सकें। यानि अब आपको स्‍लीवलेस कपड़े पहनने में कोई समस्‍या नहीं आयेगी।

जी हां अगर आप स्लीवलेस कपड़े पहनना पसंद करती हैं तो आपको इस बात की जानकारी तो जरूर होगी कि अंडरआर्म्स का खयाल रखना कितना जरूरी है। अंडरआर्म्स की ठीक से सफाई न करने के कारण आपको कई बार शर्मिन्दी का भी सामना करना पड़ सकता है। अगर आप स्लीवलेस कपड़े नहीं भी पहनते हैं तब भी आपको अंडरआर्म्स की सफाई रखनी चाहिए। 

डार्क अंडरआर्म्‍स वास्तव में आपके आत्मविश्वास के लेवल कम कर सकते हैं। हालां‍कि इसका स्‍थायी इलाज लेजर हैं लेकिन हम सभी जानती हैं कि वह बहुत महंगा है। सच में, महंगा है! तो, बजट में महिलाओं को क्या करना चाहिए? तो हम आपको बता दें कि आपको दादी मां के पुराने नुस्‍खों को अपनाना चाहिए।

मीठा स्‍क्रब चीनी
sugar for underarms

अगर आप अपने अंडरआर्म्‍स के कालेपन को दूर करना चाहती हैं तो अपने अंडरआर्म्‍स को exfoliate करना जरूरी है। और चीनी इसमें आपकी हेल्‍प कर सकती हैं। अपने अंडरआर्म्‍स को नेचुरल तरीके से exfoliate करने के लिए आपको शहद और चीनी के मिश्रण की जरूरत होती है। यह मीठा स्‍क्रब ना केवल डेड स्किन को निकालता है बल्कि अंडरआर्म्‍स से आने वाली बदबू को भी दूर करता है।

नेचुरल खीरा

खीरे ना केवल आपकी थकी और सूजी हुई आंखों के लिए अच्‍छा है बल्कि आपके अंडरआर्म्‍स के कालेपन को भी दूर करता है। खीरे की हेल्‍प से कालेपन को दूर करने के लिए आपको सबसे पहले खीरे को कद्दूकस करके उसका जूस निकालना होगा। फिर इसे अपने बगल में लगाकर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। कुछ देर बाद इसे धो लें। क्‍योंकि खीरे में नैचुरल ब्‍लीचिंग गुण है, इसलिए यह अच्‍छी तरह से काम करता है।

नींबू का रस
lemon for underarms

नींबू एक नेचुरल ब्‍लीच होने के कारण धीरे-धीरे अंडरआर्म्‍स के कालेपन को दूर करने में हेल्‍प करता है। आप चाहे तो नींबू के रस में थोड़ा सा नमक या चीनी मिलाकर लगा सकती हैं या डार्क अंडरआर्म्‍स के लिए प्रतिदिन नहाने से पहले नींबू के रस को रगड़ना बहुत अच्‍छा उपाय है।

डेड स्किन सेल्‍स के लिए दही

दही डार्क अंडरआर्म्‍स से लड़ने वाले एकदम सही हथियारों में से एक है। दूध से बने इस क्रीमी प्रोडक्‍ट में लैक्टिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो अल्फा हाइड्रॉक्सिल एसिड का एक प्रकार है (जिसे AHA भी कहा जाता है) और डेड स्किन सेल्‍स को दूर करने के लिए जाना जाता है। इससे आप स्‍मूथ स्किन पा सकती हैं जो आपके आत्‍मविश्‍वास को बढ़ाती है। तो शॉवर करने से पहले इसे एक बार जरूर लगा लें।

प्राकृतिक ब्लीचिंग है आलू
potato for underarms

आलू एक नेचुरल ब्लीचिंग एजेंट के रूप में काम करता है। आप अपने अंडरआर्म्‍स को बारीक कटे हुए आलू से हल्के-हल्के रगड़ सकती हैं या इनको मसलकर जूस निकाल कर अंडरआर्म्‍स पर लगायें। इसे लगाने के बाद इसे 15 मिनट तक छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। कुछ दिनों के नियमित इस्‍तेमाल से ही आपको अंडरआर्म्‍स के रंग में फर्क नजर आने लगेगा।

बेकिंग सोडा

अंडरआर्म्‍स डेड सेल्‍स के इकट्ठा होने के कारण डार्क होते है और उस हिस्‍से को एक्‍सफोलिएट करके आप इस समस्‍या से बच सकती हैं। अंडरआर्म को एक्‍सफोलिएट करने के लिए आप बेकिंग सोडा का उपयोग कर सकती हैं। आपको बस इतना करना हैं कि दो बड़े चम्‍मच बेकिंग सोडा लेकर उसमें कुछ बूंदे पानी मिलाकर पेस्‍ट बनाना है। फिर इस पेस्‍ट को धीरे-धीरे अपने अंडरआर्म्‍स में सर्कुलर मोशन में लगाना है। अच्‍छे परिणाम पाने के लिए इस उपाय को हफ्ते में 3 से 4 बार करें।

जादूगर है पपीता
papaya for underarms

बहुत सारे बॉडी वॉश और साबुन में पपीते के अर्क का इस्‍तेमाल किया जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यह अन्‍य किसी भी फल की तुलना में आपकी त्‍वचा को तेजी से साफ करतर है। एंजाइम papain से भरपूर होने के कारण पपीता त्‍वचा को साफ और स्‍मूथ रखने में हेल्‍प करता है। पपीता का इस्‍तेमाल अंडरआर्म्‍स के लिए करने के लिए आपको पपीते की नहीं बल्कि इसके छिलके की जरूरत होती है। 

तो देर किस बात की अंडरआर्म्‍स का कालापन दूर करना चाहती हैं तो आज से ही इस उपाय में से किसी एक को अपनाएं।
इन टिप्स से रातोंरात पाए pimples से छुटकारा
 
https://www.herzindagi.com/hindi/beauty/natural-ways-to-whiten-dark-underarms-article-22900?



  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial

Friday 23 March 2018

महिलाओं के कैब और ऑटो चलाने से मिल रही है महिलाओं को सुरक्षा

दुनिया भर के देशों में टैक्‍सी हो या फिर दूसरे पब्लिक कन्‍वेंस आमतौर पर इन्‍हें चलाने का काम पुरुष ही करते हैं। कुछ देश तो ऐसे भी हैं जहां पब्लिक कन्‍वेंस तो क्‍या महिलाओं को अपनी पर्सनल गाड़ी चलने तक की भी परमीशन नहीं होती है। मगर कुछ देश ऐसे भी है जहां महिलाओं टैक्‍सी और कैब चलते देखा जा सकता है। भारत में अब तक यह कलचर नहीं था। देश में महिलाओं को गाड़ी चलाने की परमीशन तो थी मगर कैब, टैक्‍सी  और ऑटो जैसे पब्लिक कन्‍वेंस महिलाएं नहीं चला रही थीं। मगर अब ऐसा नहीं है। भारत के कई शहरों में अब महिला कैब या ऑटो ड्राइवर्स देखने को मिल जाती हैं। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि भारत में महिलाओं को लेकर क्राइम की संख्‍या बहुत बढ़ गई है। महिलाओं को सुरक्षा देने के उद्दश्‍य से भारत में महिला ड्राइवरों की संख्‍या बढ़ाने का काम चल रहा है। इसी के तहत कैब और ऑटो चलाने वाली कई महिलाएं लोकप्रिय हो चुकी हैं। आज हम ऐसी ही कुछ महिला ड्राइवर्स की बात करेंगे, जिन्‍हों ड्राइविंग को पैशन नहीं प्रोफैशन की तरह चुना है। 
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हैदराबाद की लावान्‍या 

लावान्‍या हैदराबाद में रहती हैं और कुछ महीनों पहले ही उन्‍होनें ओला कैब सर्विस कंपनी को ज्‍वाइन किया है। इस कंपनी में वो मैनेजर या ऑपरेटर नहीं हैं बल्कि लावान्‍या इस कंपनी में एक कैब ड्राइवर हैं। जी हां, लावान्‍या एक महिला ड्राइवर हैं, जो कैब चलाती हैं। इस प्रोफेशन को उन्‍होंने किस मजबूरी नहीं बल्कि अपनी चाहत से चुना है। बचपन से ही ड्राइव करना लावान्‍या का पैशन था। पढ़ाई खत्‍म होने के बाद लावान्‍या ने तय किया कि वह लोगों को कार चलाना सिखाएंगी। मगर लावान्‍या ने कभी नहीं सोचा था कि कार चलाते- चलाते एक दिन वह इस पेशे को अपना करियर ही बना चलेंगी। वह कहती हैं, ' महिलाएं यही सोचती हैं कि कैब और ऑटो चलना उनके बस की बात नहीं। कुछ महिलाएं इसे पुरुषों का पेशा समझती हैं। यह सच भी है। महिलाओं के इस पेशे में आने से पहले पुरुषों का ही इस फील्‍ड में वर्चस्‍व था। मगर अब ऐसा नहीं है। महिलाएं भी ड्राइवर बन सकती हैं और यह पेशा उतना ही अच्‍छा है जितना महिलाओं के लिए दूसरे पेशे होते हैं। मुझे लगता है मैं एक ऐसा काम कर रही हूं जो महिलाओं को एक नई दिशा दिखाएगा और हमारी आगे आने वाली पीढि़यों में बेटियों के भविष्‍य को बेहतर बनाएगा।'
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गांधीनगर की जासुबेन रबारी 

गुजरात की राजधानी गांधीनगर के बेहद कंजरवेटिव परिवार से नाता रखने वाली जासुबेन रबारी पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं। सुन कर थोड़ा अटपटा सा लगता है। उनके परिवार के लोगों को भी ऐसा ही लगा था जब जासुबेन ने यह तय किया था कि वो ऑटो चलाएंगी। कई रिश्‍तेदारों ने तो उनसे रिश्‍ता भी तोड़ लिया क्‍योंकि वो लोग इस पेशे को बहुत ही खराब समझते थे और महिलाओं के लिए तो यह पेशा उनकी नजरों में बिलकुल भी सही नहीं था। मगर जासुबेन ने लोगों की परवाह नहीं कि और अपने काम में आगे बढ़ती गईं। वह बताती हैं, ' मैं बहुत दिनों से काम की तलाश में थी क्‍योंकि मुझे अपने घर को फिनैंशियली सपोर्ट करना था। ऐसे में ओला मेले में मुझे राह दिखाई दी और मैंने खुद को वहां ड्राइविंग के लिए रजिस्‍टर करा दिया। इसके बाद मुझे बहुत लोगों के ताने सुनने पड़े कई लोगों ने मुझ से मेरे परिवार से बात तक करना बंद कर दिया। उनकी नजरों में महिलाओं को ऐसे बाहर निकल कर ऑटो नहीं चलाना चाहिए। इसके साथ ही मेरे पति को भी मेरी ड्राइविंग पर शक था मगर मेरी बेटी ने जब कहा कि मैं आपने पति से ज्‍यादा अच्‍छी ड्राइंविंग करती हूं तो मेरा कॉन्‍फीडेंस लेवल और भी बढ़ गया।' आज जासूबेन ऑटो चला रही हैं और अपने घर को फिनैंशियली सपोर्ट भी कर रही हैं। 
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दिल्‍ली की शांति शर्मा 

दिल्‍ली की शांती शर्मा एक छोटी सी कैब कंपनी ‘कैब्स फ़ॉर वीमेन बाई वीमेन’ चलाती हैं। वह खुद तो ड्राइव करती ही हैं उनके साथ ही आठ महिला ड्राइवर और हैं जो कैब चलाती हैं। शांती की कंपनी केवल महिला यात्रियों को ही कैब सर्विस प्रोवाइड कराती है। 31 वर्षीय शांति शर्मा कहती हैं, “ भले ही लोगों को महिलाओं का कैब चलाना पसंद न हो मगर जब मैं सड़क पर टैक्सी चला रही होती हूं तो बहुत गर्व महसूस करती हूं क्योंकि ये कैब सर्विस महिलाओं के लिए है और मैं भी एक महिला हूं. हमारे काम से दिल्ली की महिलाओं को मदद मिल रही है. हम उन्हें सुरक्षा दे रही हैं. अगर एक महिला दूसरी महिला के साथ सेफ महसूस कर रही है तो इसमें खराब क्‍या है। भारत में महिलाओं के कार चलाने पर भी कोई पाबंदी नहीं है, तो फिर लोग क्‍या सोच रहे हैं इससे क्‍या मतलब। ” दिल्ली में 16 दिसंबर को बस में छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना के बाद से इस कैब की सभी महिला ड्राइवर बहुत व्यस्त हो गई हैं.शांति शर्मा कहती हैं, “उस घटना के बाद से हमारा काम बढ़ गया है. जो महिलाएं दूसरी कैब सर्विस की सेवा लेती थीं वो भी अब हमें बुलाने लगी हैं.”


  • Anuradha Gupta
  • Her Zindagi Editorial